मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुआ शनि अमावस्या पर आलौकिक विशेष हवन यज्ञ
द पंजाब रिपोर्ट जालंधर, सुनीता :- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त शनि अमावस्या पर आलौकिक विशेष हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था अब यह हवन पिछले लगभग 22 मास से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने मुख्य यजमानो से हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
इस सप्ताह शनिदेव महाराज के जप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि शनि देव भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। इनकी दृष्टि में जो क्रूरता है, वह इनकी पत्नी के शाप के कारण है। ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन से ही शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे। इनकी पत्नी सती-साध्वी और परम तेजिस्वनी थीं। एक बार पुत्न -प्राप्ति की इच्छा से वे इनके पास पहुचीं पर ये श्रीकृष्ण के ध्यान में मग्न थे। इन्हें बाह्य जगत की कोई सुधि ही नहीं थी।
पत्नी प्रतिक्षा कर थक गयीं तब क्रोधित हो उसने इन्हें श्रप दे दिया कि आज से तुम जिसे देखोगे वह नष्ट हो जाएगा। ध्यान टूटने पर जब शनिदेव ने उसे मनाया और समझाया तो पत्नी को अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ, किन्तु शाप के प्रतिकार की शिक्त उसमें ना थी। तभी से शिनदेव अपना सिर नीचा करके रहने लगे। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके द्वारा किसी का अनिष्ट हो। नवजीत भारद्वाज ने कहा कि शनि के अधिदेवता प्रजापति ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम हैं। इनका वर्ण इन्द्रनीलमणी के समान है। उनके अनेकानेक वाहन है। ये अपने हाथों में धनुष, बाण, त्रिशूल तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। शनि महाराज एक-एक राशि में तीस-तीस महीने रहते हैं। शनिदेव मकर व कुम्भ राशि के स्वामी हैं।
इस अवसर पर श्री कंठ जज,समीर कपूर,संजीव सोंधी,राकेश प्रभाकर, समीर चोपडा,विवेक सहगल,प्रिंस कौंडल,हैरी शंकर शर्मा, रविन्द्र बांसल,मनीष शर्मा,बावा जोशी,अभिलक्षय चुघ, नवदीप ,गौरव कोहली,सोनू छाबड़ा, पवन,बावा खन्ना, अमरेंद्र कुमार शर्मा, रोहित बहल, मानव शर्मा,मोहित बहल, अशोक शर्मा, विक्रम भसीन, गोपाल मालपानी, राघव चढ्ढा, समीर कपूर, अश्वनी शर्मा, संजीव शर्मा, राजेश अग्रवाल, मुकेश चौधरी, मुनीश शर्मा, यज्ञदत्त, रोहित भाटिया, राकी, ओंकार सिंह,राकी,करन वर्मा, अमरेंद्र सिंह, बिल्ला सिंह, मुकेश चौधरी, राजेश महाजन, राजीव, दिशांत शर्मा, अशोक शर्मा, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, साबी, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, सुनील वर्मा,पंकज, अशोक शर्मा, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।