October 18, 2024

अश्वनी शर्मा ने विधानसभा में उठाई आम आदमी पार्टी द्वारा जनता से किए वादों के हक में आवाज़, भगवंत मान व अन्यों ने दबाई : सुशील शर्मा

15 दिनों में ही भगवंत मान सरकार का कथनी व करनी में दिखने लगा फर्क

2 अप्रैल(द पंजाब रिपोर्ट जालंधर :-सुनीता) :-  आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदेश की जनता के साथ किए गए वादों को पूरा करने के लिए 1 अप्रैल को लागू करने की बजाय आज विधानसभा का सैशन बुला कर जहाँ जनता को मुर्ख गया, वहीँ जनता से किए वादों से ध्यान हटाने के लिए चंडीगढ़ का बेतुका मुद्दा उछाला जा रहा है। इस संबंध में जब विधानसभा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा द्वारा मुद्दा उठाने तथा सवाल पूछे जाने पर ना हे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कोई जवाब दिया और ना ही किसी अन्य आप नेता। यह कहना है भाजपा जिला जालंधर के अध्यक्ष सुशील शर्मा का।

उन्होंने कहा कि 15 दिनों में ही भगवंत मान सरकार की कथनी व करी का फर्क स्पष्ट नजर आने लगा है। इस अवसर पर उनके साथ जिला मीडिया इंचार्ज, अमित भाटिया, युवा मोर्चा अध्यक्ष, बलजीत प्रिंस, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष, भूपेंद्र कुमार , बी,सी मोर्चा के अध्यक्ष, दविंद्र पाल सिंह डिंपी लुभाना,आदि उपस्थित थे।

सुशील शर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा द्वारा पंजाब की जनता के हक में आवाज़ उठाते हुए आम आदमी पार्टी द्वारा जनता के साथ किए गए वादों को 1 अप्रैल से लागू करने के दिए ब्यान से संबंधित दो बार सवाल पूछा गया, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान या किसी भी अन्य आप नेता ने ना इसका कोई जवाब दिया और ना ही इस और कोई ध्यान दिया। सुशील शर्मा ने सवाल किया कि जब पंजाब का पुनर्गठन कानून बना उसे लेकर आज रानीतिक पार्टियाँ अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं के लिए हाय-तौबा तो मचा रही हैं, लेकिन यह किसी के समने स्पष्ट नहीं कर रहीं कि उस कानून में क्या लिखा है?

चंडीगढ़ के साथ इन लोगों से ज्यादा प्यार भारतीय जनता पार्टी करती है और इस को लेकर भाजपा का शुरू से ही स्पष्ट स्टैंड है। विपक्ष लोगों में भ्रम पैदा करने के लिए शोर मचा रहा है।

सुशील शर्मा ने कहा कि 1 नवंबर 1966 से लेकर 31 नवंबर 1985 तक केंद्र सरकार के नियम 25 वर्ष चंडीगढ़ में लागू रहे। 1 जनवरी 1986 से लेकर 31 मार्च 1993 तक केंद्र सरकार के सर्विस रूल के साथ-साथ केंद्र सरकार के पे-स्केल भी लागू रहा। क्या तब पंजाब के अधिकार या पंजाब के दावे को कोई फर्क पड़ा? सुशील शर्मा ने कहा कि चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को तब कोई फर्क नहीं पड़ा तो आज केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ में केन्द्रीय नियम लागो करने के बाद क्या फर्क पड़ गया? केन्द्रीय नियम लागू होने से चंडीगढ़ पर पंजाब दावा कैसे कम हो गया? उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पंजाब सरकार ही शोर मचा रही है जबकि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों की की गई माँग को पूरा किया है।

सुशील शर्मा ने कहा कि पंजाब में अभी तक छेवां पे-कमीशन लागू नहीं हुआ, जबकि केंदीय कर्मचारियों को सरकार ने सातवाँ पे-कमीशन तथा अन्य सुविधाएँ दे दी हैं और चंडीगढ़ में केन्द्रीय नियम लागू होने से वहां के कर्मियों को भी सातवाँ पे-कमीशन व अन्य सुविधाएँ मिल गई हैं। इसका विरोध पंजाब के कर्मचारी कर रहे हैं, चंडीगढ़ के नहीं। अब पंजाब की भगवंत मान सरकार को अब पंजाब के कर्मचारियों के विरोध का डर सताने लगा है क्यूंकि चंडीगढ़ में केन्द्रीय नियम लागू होने से अब पंजाब के कर्मचारी फिर अपनी मांगों को लेकर भगवंत मान सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल देंगें। क्यूंकि पंजाब के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से पंजाब सरकार के विरुद्ध सडकों पर धरने-प्रदर्शन कर रहे थे।

भगवंत मान बोल रहे हैं कि केन्द्रीय नियम लागू होने से प्राइवेट सैक्टर को घाटा पड़ गया है। शर्मा ने सवाल किया कि जब 25 वर्ष चंडीगढ़ में केन्द्रीय नियम लागू रहे तब तो किसी प्राइवेट सैक्टर को घाटा नहीं पड़ा तो अब ऐसा क्या हुआ कि घाटा पड़ने लगा? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए दोष केंद्र सरकार पर लगा कर जनता को बहकाने की कोशिश करते हुए झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ को लेकर भारतीय जनता पार्टी का स्टैंड बहुत स्पष्ट है और रहेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *