मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुआ श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध विशाल हवन यज्ञ
द पंजाब रिपोर्ट जालंधर, सुनीता :- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था अब यह हवन पिछले लगभग 23 महीनों से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है। सर्व प्रथम मुख्य यजमान संजीव से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि अधर्म, छल-कपट, आदि से कमाया गया धन व्यर्थ के कामों या बीमारी पर भी खर्च हो जाता है। इसलिए कभी भी छल-कपट या ठगी से धन न कमाएं। उन्होंने कहा कि आज की भाग-दौड़ में लोग छल-कपट या दो नंबर से कमाई कर धन अर्जित करने से गुरेज नहीं कर रहे, मगर ऐसा धन कभी नहीं फलता। ऐसे कमाया गया धन जैसे आता है वैसे ही वापस खर्च हो चला भी जाता है। इसलिए मेहनत व ईमानदारी से धन कमाएं। उन्होने कहा कि हवन यज्ञ करने से आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही मंडप परिक्रमा से चौरासी योनियों के बंधन से मुक्ति मिलती है। उन्होने कहा कि ब्रह्मा, विष्णु और सेमहेश के द्वारा सृजन, पालन एवं संहार का कार्य संपादित किया जाता है। इन तीनों को सृष्टि सृजन, सृष्टि के चर-अचर के पालन-पोषण एवं संहार की शक्ति जिससे प्राप्त होती है वह आदिशक्ति जगत जननी है। बिना शक्ति के शिव भी शव के तुल्य हैं। संसार में जो कुछ भी चलायमान है, गति है, हलचल है उसके पीछे शक्ति की ही भूमिका है। क्षमा, दया, ममता, शांति, बुद्धि, भक्ति जिस भी भूमिका में कोई भाव या स्वरु प हम अवलोकन अथवा अनुभव करते हैं वह आदिशक्ति का अंश है।
इस अवसर पर श्री कंठ जज, राकेश प्रभाकर, प्रिंस कौंडल,गौरव कोहली, एडवोकेट राज कुमार,सौरभ अरोड़ा, सोनू छाबड़ा, बावा खन्ना, राजेंद्र कत्याल, रोहित बहल, मानव शर्मा,मोहित बहल, अशोक शर्मा, विक्र म भसीन, गोपाल मालपानी, राघव चढ्ढा, समीर कपूर, अश्वनी शर्मा, संजीव शर्मा, राजेश अग्रवाल ,मुकेश चौधरी, मुनीश शर्मा, यज्ञदत्त, मधुकर कत्याल, यजुर वासन, रोहित भाटिया, राकी, ओंकार सिंह,राकी,करन वर्मा, मुकेश चौधरी, राजेश महाजन, राजीव, दिशांत शर्मा, अशोक शर्मा, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, साबी, लक्की, सुनील जग्गी, प्रिंस, सुनील वर्मा,पंकज, अशोक शर्मा, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।