(द पंजाब रिपोर्ट) :- प्रवासी नेपाली संघ भारत ईकाई जालंधर कि आयोजन में 10 अप्रैल 2022 को देशभक्त यादगार हाल में सातवां सम्मेलन बड़ी धूमधाम से सम्पन्न हुआ। प्रैस को जानकारी देते हुए संस्था के सचिव याम थापा ने बताया कि सम्मेलन में प्रमुख अतिथि संस्था के केंद्रीय समिति के प्रमुख सल्लाहकार हरी प्रसाद घिमिरे, अन्य अतिथि में, केंद्रीय समिति के सचिव एंव राज्य के प्रधान छविलाल भट्टराई, केंद्रीय सचिवलाल सदस्य एंव राज्य प्रमुख श्रीमति मिना पोखेल, केंद्रीय समिति के सदस्य बसन्त राज घर्ती, मिना ओली, सावित्रा शर्मा, सान्ता पोखेल, सावित्रा ज्ञवाली, विकास रेस्मी राज्य सदस्य जि.वि. गुरुङ और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी आर.एम.पी.आई. के महासचिव कामरेड मंगत राम पासला, सेंटर आफ ट्रेड युनियन पंजाब के उप- प्रधान कामरेड हरिमुनी सिंह, देहाती मजदूर सभा के आगु कामरेड बलदेव सिंह नुरपुरी आदि मौजूद थे।
सम्मेलन में राज्य समिति अन्तर्गत के ईकाई के प्रतिनिधि एंव जालंधर ईकाई आस पास के अधिक नेपाली महिलाएं एंव पुरुषों ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन को उदघाटन करते हुए मुख्य मेहमान हरि प्रसाद घिमिरे ने बधाई दी और उन्होंने विचार मनतव्य के क्रम में नेपाल भारत दोनों के मित्रता पुर्व संबंध एंव दोनों देशों ने जनता के बीच अच्छे भाईचारे का संबंध कायम करना संस्था का उदेस्य बताया। उन्होंने नेपाली युवा जमातों को बुरे काम और बुरे आदतों से दूर रहकर समाज सेवा में सम्रपीत होने को सल्लाह दी। अन्य अतिथियों ने भी सम्मेलन में शुभ कामना बधाई देते हुए मनतव्य के क्रम में प्रवासी नेपाली एक आपस में बीच मित्रता, सद् भाव कायम रखकर समाज सेवा में जुटने और असल कार्य को और आगे बढ़ने का सल्लाह दी।
विशिष्ठ अतिथि कामरेड मंगत राम पासला ने श्रमिक मजदूर जमातों पर हो रहे सोषण के घोर निंदा की। संगठित और जागरुक होकर आगे बढ़ने को सल्लाह दी। उन्होंने भारत विकास में प्रवासी नेपालियों का योगदान का सराहाना की और संस्था को हर सम्मभव मद्धत को बाधा किया।
सम्मेलन में सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट भूमिका अदा करने व्यक्तित्व को पुरस्कृत किया गया।
सम्मेलन में आगामि कार्यकाल के लिए सूर्य थापा के नेतृत्व में 27 सदस्सीय नई टीम का चयन किया गया। कार्यक्रम के अन्त्य में नेपाली बालकारों द्वारा नेपाली सांस्कृति में आधारित सभ्यचारक सांस्कृति कार्यक्रम पेश किया गया।
समग्र प्रोगाम की अध्यक्षता सूर्य थापा, मंच संचालन याम थापा, स्वागत मन्तव्य, शंकर प्रसाद गौरे और कल्पना पौडेल ने की।