द पंजाब रिपोर्ट फिरोज़पुर, कृष्ण जैन :- शांति विद्या मंदिर में टीचर्स डे एवं श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव बड़ी ही धूमधाम और जोश से मनाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में श्रीमती अभिलाषा चंदेल W/O ब्रिगेडियर विक्रम चंदेल (कमांडर अग्निबाण ब्रिगेड) एवं सम्माननीय अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल गोविंद जोशी एस एम जी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं सम्माननीय अतिथि द्वारा भगवान श्री गणेश एवं मां सरस्वती के समक्ष ज्योति प्रज्वलन के साथ किया गया। तत्पश्चात स्कूल के प्रिंसिपल श्रीमती रजनी मडाहर जी ने स्कूल में होने वाली समस्त गतिविधियों पर रोशनी डाली और आए हुए अतिथिगण का स्वागत किया। स्कूल के छात्रों ने मुख्य अतिथि के स्वागत में स्वागत गीत गाए। तत्पश्चात जन्माष्टमी के अवसर पर श्री कृष्ण जी से संबंधित स्किट प्रस्तुत की गई और कोरियोग्राफी “तेरी मिट्टी में मिल जावा” गीत पर की गई जिसने सभी की आंखों को नम कर दिया।छात्रों ने ग्रुप डांस किया एवं भगवान श्री कृष्ण जी का जन्मोत्सव दिखाया गया। जिसका सभी ने आनंद उठाया।
स्कूल के अध्यापक गण के लिए कुछ खेलों का आयोजन किया गया था। जिन में चेयर्स गेम ,बल्लू एंड बलास्ट बॉलूंस और टंग ट्विस्टर आदि गेम्स रखे गए। तत्पश्चात मुख्य अतिथि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सर्वप्रथम सभी को श्री कृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दी और आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही स्कूल की मैनेजिंग कमेटी मेंबर्स, प्रिंसिपल श्रीमती रजनी मडाहर जी एवं अतिथिगण ने स्कूल के समस्त स्टाफ को टोकन आफ ग्रेटिट्यूड भेंट किया और छात्रों के कार्यक्रम को अत्यंत सराहा और उन्हें इनाम बांटे। स्कूल के एजुकेशनल डायरेक्टर श्री बी .के मित्तल जी ने आए हुए अतिथि गण का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने टीचर्स डे एवं श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जैसा कुम्हार का रिश्ता मिट्टी के साथ होता है, वैसा ही रिश्ता एक शिक्षक का अपने विद्यार्थियों के साथ होता हैं। जिस तरह एक कुम्हार मिट्टी को आकार देने के लिए कभी कठोरता तो कभी कोमलता का सहारा लेता है, उसी प्रकार शिक्षक भी एक विद्यार्थी के चरित्र निर्माण के लिए कभी कठोर होते है तो कभी कोमल होते हैं। वह अंततः अपने छात्र के लिए सर्वश्रेष्ठ ही चाहते हैं।
हमारे जीवन पर शिक्षकों का प्रभाव बहुत गहरा होता है। वे ही हैं जो हमारा नेतृत्व करते हैं और बेहतर इंसान के रूप में हमारे विकास में सहायता करते हैं। वे हमारे जीवन को प्रबुद्ध करते हैं, हमें सोचना सिखाते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ स्वरूप सामने लाने में हमारी मदद करते हैं। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण जी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण ने अपने भक्तों के लिए इस धरती पर जन्म लिया और शिक्षक, संरक्षक, दार्शनिक, भगवान, प्रेमी, के रूप विभिन्न भूमिकाएं निभाईं। ब्रह्मांड के दिव्य शिक्षक कृष्ण हमेशा – स्पष्टता, आनंद, आत्मविश्वास और आशा के साथ अपना जीवन जीने के लिए हमारा मार्गदर्शन करने के लिए हमेशा हमारे साथ हैं।
कृष्णष्टमी के दिन हमें अज्ञान के अंधकार को दूर करना चाहिए।तत्पश्चात स्कूल की मैनेजिंग कमेटी मेंबर्स एवं स्कूल के प्रिंसिपल श्रीमती रजनी मडाहर जी ने मुख्य अतिथि एवं सम्माननीय अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ किया गया।