द पंजाब रिपोर्ट जालंधर :- डीएवी कॉलेज जालंधर के कंप्यूटर साइंस विभाग ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में डिजिटल डिटॉक्स चैलेंज के तहत एक आकर्षक डिजिटल डिटॉक्स बुक रिव्यू रीडिंग सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम ने छात्रों, शिक्षकों और पुस्तक प्रेमियों को एक मंच प्रदान किया, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को अपने डिजिटल उपकरणों से अलग होने और किताबों की दुनिया में डूबने के लिए प्रोत्साहित करके साक्षरता को बढ़ावा देना और स्क्रीन समय को कम करना था।
प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार इस सार्थक और समृद्ध गतिविधि में पहल करने के लिए कंप्यूटर विज्ञान विभाग की सराहना की। आज की डिजिटल दुनिया में मानसिक संतुलन के लिए डिजिटल डिटॉक्स जरूरी है। यह चुनौती छात्रों को स्क्रीन से अलग होने और सार्थक सामग्री से जुड़ने, पढ़ने और आत्म-सुधार की संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह डिजिटल युग से एक ताज़ा प्रस्थान था क्योंकि उपस्थित लोगों ने विभिन्न साहित्यिक कृतियों के पन्नों को देखा। आयोजनों के मुख्य आकर्षणों में पुस्तक समीक्षा सत्र, आकर्षक चर्चाएँ और साक्षरता प्रश्नोत्तरी शामिल हैं। छात्रों ने एटॉमिक हैबिट्स, लाइफ इज फेयर, लर्निंग हाउ टू फ्लाई, डॉलर बहू, द साइकोलॉजी ऑफ मनी, इग्नाइटेड माइंड्स, थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ, अनटचेबल, साइलेंट पेशेंट, एनर्जाइज योर माइंड और कई अन्य बहुत ही दिलचस्प किताबें चुनीं।
पुस्तक वाचन में अमनप्रीत कौर (बीएससी आईटी) ने प्रथम, भावना नेगी (बीसीए-तृतीय) व रोहित (बीएससी आईटी) ने द्वितीय स्थान तथा निखिल (बीसीए) ने तृतीय स्थान हासिल किया।
कार्यक्रम का संयोजन छात्र समन्वयकों आकांक्षा (बीएससी सीएस-3), मीनल(बीएससी सीएस-3), मुक्ता (बीएससी आईटी-1) द्वारा किया गया था। आईटी फोरम के प्रभारी प्रो. नम्रता कपूर ने छात्रों को पढ़ने के प्रति अपना जुनून बनाए रखने के लिए प्रेरित किया क्योंकि किताबें ज्ञान और प्रेरणा का सबसे अच्छा स्रोत हैं। कंप्यूटर विज्ञान के अध्यक्ष डॉ. निश्चय बहल ने टिप्पणी कहा कि प्रौद्योगिकी की निरंतर चर्चा से पीछे हटने के लिए डिजिटल डिटॉक्स आवश्यक है। प्रो. गगन मदान ने सभी पुस्तक समीक्षाओं और प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया।