November 21, 2024

द पंजाब रिपोर्ट जालंधर :- डीएवी कॉलेज जालंधर में मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य परिषद्, हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस-2023 के उपलक्ष्य में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया। इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान, शुद्ध शब्द लेखन व विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। हिंदी पखवाड़ा का शुभारंभ प्राचार्य डॉ राजेश कुमार ने हिंदी में हस्ताक्षर करके किया। पहले दिन प्राध्यापकों व विद्यार्थियों ने हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा लिया। दूसरे दिन शुद्ध शब्द लेखन और पत्र लेखन प्रतियोगिताओं में लगभग 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। तीसरे दिन ‘सांस्कृतिक समरसता में हिंदी का योगदान’ विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। विस्तार व्याख्यान में शिक्षाविद व साहित्यकर डॉ. राजेंद्र टोकी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। विभागाध्यक्ष प्रो. सन्दीपना शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा मुख्य वक्ता डॉ. टोकी का परिचय प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिन्दी जन-जन की भाषा है। हिन्दी के द्वारा ही राष्ट्र उन्नति के चरम शिखर पर पहुंच सकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रिभाषायी प्रारूप की सराहना करते हुए कहा कि इस से विद्यार्थी राष्ट्रभाषा की प्रति अधिक सचेत होंगे।

डॉ राजेंद्र टोकी ने अपने व्याख्यान में सांस्कृतिक समरसता पर सारगर्भित चर्चा की। उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों, सभ्यताओं तथा उनकी भाषाओं के आपसी समन्वय पर बोलते हुए कहा कि अमीर खुसरो, जायसी, रहीम जैसे अनेक मुस्लिम कवि हुए, जिन्होंने हिन्दी को अपनाया। यही नहीं सिख, ईसाई मिशनरियों ने भी हिन्दी को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया। अपने लचीलेपन के कारण विभिन्न भाषाओं के शब्दों को ग्रहण करते हुए हिन्दी निरंतर आगे बढ़ती रही। उन्होंने अरबी फारसी अंग्रेजी के शब्दों का उदाहरण देकर स्पष्ट किया कि यह शब्द आजकल हिन्दी में पूरी तरह समा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ने दूसरी संस्कृतियों से बहुत कुछ ग्रहण किया और अन्य संस्कृतियों को प्रभावित भी किया। सांस्कृतिक आदान-प्रदान में हिन्दी सेतु का काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी।

कार्यक्रम का संयोजन मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य परिषद् के प्रभारी डॉ. विनोद कुमार व डॉ. रिचा नांगला द्वारा किया गया। शुद्ध शब्द लेखन में धन्वी शारदा ने प्रथम स्थान, पूजा पाल व सचिन ने द्वितीय तथा प्रगति श्रीवास्तव, अल्पेश यादव, खुशी जसवाल ने तृतीय स्थान हासिल किया। पत्र लेखन प्रतियोगिता में धन्वी शारदा ने प्रथम, समरप्रीत व गीतिका ने द्वितीय तथा रोहित कुमार व तनिष्का ने तृतीय स्थान हासिल किया। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।अंत में, डॉ बलवेन्द्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार खुराना, संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. ऋतु तलवाड़, लाइब्रेरीयन मैडम श्वेता, प्रो. मिनी बजाज तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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